राष्ट्र जगत संवाददाता।
जनपद शाहजहांपुर की तहसील पुवायां के रहने बाले प्रो डॉ निशिथ गुप्ता एचओडी ने रचा इतिहास बीआईटीएस-पिलानी का हैदराबाद कैंपस विज्ञान का एक नया सितारा बनकर उभर रहा है।
बरेली/डॉ निशिथ गुप्ता एचओडी का कहना है की शोधकर्ताओं के लिए यह एक सुनहरा मौका है जो बच्चे इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं बह बायोसाइंस अनुसंधान केंद्र हैदराबाद आ सकते हैं।
iPEARL @ BITS-Pilani: भारत का प्रमुख बायोसाइंस अनुसंधान केंद्र
हैदराबाद के हरे-भरे क्षेत्र मे बीआईटीएस-पिलानी का हैदराबाद कैंपस विज्ञान का एक नया सितारा बनकर उभर रहा है। यहां स्थित iPEARL (इंट्रासेल्युलर पैरासाइट एजुकेशन एंड रिसर्च लैब्स) अपनी अद्वितीय अनुसंधान उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध है।
परजीवियों पर अग्रणी अनुसंधान iPEARL में टोक्सोप्लाज्मा, ईमेरिया और प्लाज्मोडियम जैसे सूक्ष्मजीवों पर शोध होता है,टोक्सोप्लाज्मोसिस, कोक्किडियोसिस और मलेरिया का कारण बनते हैं। ये बीमारियाँ वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 30% जनसंख्या टोक्सोप्लाज्मा से संक्रमित है, और मलेरिया से हर साल 300-500 मिलियन मामले होते हैं। कोक्किडियोसिस भी विश्व स्तर पर मुर्गी और पशुधन के लिए एक बड़ा खतरा है।
विद्वानों का समर्थन iPEARL की परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल होते हैं, जो विद्वानों को विदेश में अनुसंधान के अवसर प्रदान करते हैं। यहां के विद्वान विभिन्न देशों से आते हैं, जिससे सांस्कृतिक और बौद्धिक विविधता को बढ़ावा मिलता है। iPEARL विद्वानों को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने शोध प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करता है और प्रमुख वैज्ञानिकों को आमंत्रित करता है। नेतृत्व और भविष्य की योजना प्रो. डॉ. निशिथ गुप्ता एचओडी, डॉ. रत्नेश कुमार श्रीवास्तव, और सुश्री गीतांजलि जरुगुमल्ली के नेतृत्व में, iPEARL अनुसंधान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाता है। उनकी प्रतिबद्धता अनुसंधान उत्कृष्टता के प्रति है। निष्कर्ष मजबूत बुनियादी ढांचे, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समर्थनकारी वातावरण के साथ, iPEARL भारत में परजीवी रोगों के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र बन गया है।