Rashtra Jagat Breaking
September 12, 2025

योगासन को ओलंपिक 2036 में मुख्य खेल धारा में जोड़ा जाए

नई दिल्ली, 26 अप्रैल भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा, योग को जब खेल की दुनिया में “योगासन” के रूप में वैश्विक मंच मिला, तो पूरे देश को गर्व की अनुभूति हुई। इंदिरा गांधी स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित 2nd Asian योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप का उद्घाटन माननीय केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया द्वारा किया गया। यह आयोजन योगासन को कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक्स 2036 जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में शामिल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

यह चैंपियनशिप योगासन भारत और एशियन योगासन फेडरेशन द्वारा, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), दिल्ली सरकार और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित की गई। इस आयोजन को देश-विदेश से भरपूर सराहना और समर्थन प्राप्त हो रहा है।

इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट गणमान्यों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से योगऋषि और वर्ल्ड योगासन के अध्यक्ष बाबा रामदेव, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव, संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे, वर्ल्ड योगासन एवं योगासन भारत के महासचिव डॉ. जयदीप आर्य, खेल विभाग की सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती कविता गर्ग, SVYASA विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच. आर. नागेन्द्र, वर्ल्ड गेम्स एसोसिएशन के सीईओ ग्रैंडमास्टर अभयकरण, भगवान बिरसा मुंडा के पौत्र श्री बुडगाम मुंडा, पतंजलि विश्वविद्यालय की डीन साध्वी देव प्रिया, और प्रथम प्रधानमंत्री योग पुरस्कार विजेता विश्वास मंडलिक गुरुजी उपस्थित थे।

इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने अपने विचार रखते हुए कहा:
“योगासन का प्रकाश विश्वभर में फैल चुका है, और मुझे पूर्ण विश्वास है कि निकट भविष्य में योगासन को ओलंपिक में एक मान्यता प्राप्त खेल के रूप में देखा जाएगा।”

बाबा रामदेव ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा:
“आज के युग में जहाँ अधिकांश खेल चकाचौंध और ग्लैमर से प्रभावित हैं, वहीं योगासन एक ऐसा खेल है जो संयम का प्रतीक है और देश के युवाओं के लिए एक विवेकपूर्ण जीवनशैली की नींव बनने  की क्षमता रखता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल को समर्थन देते हुए एक भावनात्मक संदेश साझा किया:
कई एशियाई देशों के प्रतिभागियों की उपस्थिति इस चैंपियनशिप की महत्ता को दर्शाती है। यह भारत की गौरवपूर्ण यात्रा का एक अहम पल है, जिसमें हम अपने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तरीकों से दुनिया के साथ साझा कर रहे हैं, ताकि पूरी मानवता को इसका लाभ मिल सके।”

यह चैंपियनशिप खेल से कहीं अधिक एक सांस्कृतिक उत्सव बनकर उभरी। मंच पर जहाँ एक ओर बेहतरीन योगासन प्रदर्शन देखने को मिला, वहीं दूसरी ओर विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने अपनी सांस्कृतिक धुनों पर प्रस्तुति दी और दर्शकों ने सभी प्रतिभागियों को देश और संस्कृति से परे जाकर उत्साहपूर्वक प्रोत्साहित किया।

वर्ल्ड योगासन एवं योगासन भारत के महासचिव डॉ. जयदीप आर्य और एशियन योगासन के अध्यक्ष डॉ. संजय मालपानी ने भी अपने विचार साझा करते हुए इस आयोजन को योगासन खेल के वैश्विक भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। 20 से अधिक एशियाई देशों से आए 200 से भी अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी इस बात का प्रतीक रही कि योगासन आज केवल भारत की पहचान नहीं, बल्कि वैश्विक एकता और साझा मूल्यों का संदेश बन चुका है। खिलाड़ियों ने भारत में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत और बेहतरीन प्रबंधों के लिए आभार व्यक्त किया।

इस अद्वितीय आयोजन और अंतरराष्ट्रीय मान्यता के साथ, योगासन का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है। 2026 के एशियन गेम्स में योगासन को डेमो स्पोर्ट के रूप में शामिल किया जाना इस बात की शुरुआत है कि योगासन एक वैश्विक आंदोलन बन रहा है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *