राष्ट्र जागरण युवा संगठन की टीम ने व्यापारियों पर झूठे आरोप लगाने वाले महंत की जांच पड़ताल शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं उसके गांव अखा के कुछ लोगों ने नाम छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि ये व्यक्ति जो अपने आप को सोवरन दास महंत बताता है वास्तव में इसका असली नाम कल्लू सिंह है और जिस मंदिर का ये अपने आपको स्वयंभू सरवराकार कहता है वो श्री राम जानकी मंदिर लेटे हुए हनुमान मंदिर से 500 मीटर दूर है और अभी भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है उसके असली श्री महंत स्वामी सर्वेसश्वरदास थे ये स्थान श्री राम जानकी मंदिर की धर्मशाला हुआ करती थी स्वामी सर्वेसश्वरदास जी ने 80के दशक में लेटे हुए हनुमान जी की स्थापना कराई थी उनके देहावसान के पश्चात राम रत्नदास को विरक्त संप्रदाय के खाकी अखाड़ा के द्वारा विधिवत महंत नियुक्त किया गया था कल्लू सिंह के परिवार में उनकी आवाजाही थी उनका स्वर्गवास भी कल्लू सिंह के घर पर ही हुआ था उनको मुखाग्नि देने को लेकर काफी विवाद हुआ था गांव वालों के समझाने पर दोनों लोगों ने मुखाग्नि दी उसमें से एक कल्लू सिंह (सोवरन दास) है