आईवीआरआई में हुआ दीक्षांत समारोह

राष्ट्र जगत संवाददाता।

बरेली। भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर में सोमवार को आयोजित ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में शामिल होने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का बरेली पहुंचने पर त्रिशूल एयरपोर्ट पर महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन एवं सीएम योगी ने बुके देकर स्वागत किया।
स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस प्रतिष्ठित दीक्षांत समारोह में देशभर के पशु चिकित्सा विज्ञान के छात्र 24 पदक और 576 स्नातक डिग्री मेधावी छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदया छात्रों को संबोधित किया। इस समारोह
में कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

श्रीमती आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री
भागीरथ चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
समारोह की अध्यक्षता डॉ. मांगी लाल जाट, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप, नई दिल्ली द्वारा की गई।

आईवीआरआई के निदेशक एवं कुलपति, प्रबन्ध मंडल और शैक्षणिक परिषद के सदस्यगण इस भव्य आयोजन के मेजबान थे और अतिथियों के स्वागत में जुटे हैं। प्रशासन द्वारा कार्यक्रम स्थल व आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व यातायात के विशेष प्रबंध किए गए।
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में दिए अपने संबोधन में पशु विज्ञान, टीकाकरण और प्राकृतिक जीवन से जुड़ी कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बीमारी की रोकथाम में टीकाकरण की अहम भूमिका है। इसमें IVRI की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस परिवेश से आती हूं वह प्रकृति के निकट है। पशु और मानव के बीच  रिश्ता शुरुआती अस्तित्व से बहुत गहरा है। वहीं उन्होंने गिद्धों के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की और आभार व्यक्त किया। साथ मे कहा कि पहले गिद्दों की मौत रसायनिक कारणों से हुई पर वैज्ञानिकों ने इस ओर भी काम किया।

दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक और वैज्ञानिक विषयों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि वह बताना चाहते है कि बरेली भारत की प्राचीन पौराणिक नगरी है।महाभारत कालखंड में बरेली की पहचान ‘पांचाल देश’ के रूप में थी। यहां सात प्राचीन महादेव के मंदिर हैं, जिन्हें वर्तमान में सरकार नाथ कॉरिडोर’ के रूप में विकसित कर रही हैं। वहीं आईवीआरआई के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आईवीआरआई ने देश की सेवा की। साथ मे लंपी वायरस के लिए वैक्सीन बनाकर संस्थान ने उन  पशुओं की आवाज़ को अपने शोध के माध्यम से बुलंद किया है। इस शोध ने अन्नदाताओं के जीवन में नया परिवर्तन लाया है और कृषि आधारित परिवारों को राहत दी है। कार्यक्रम के बीच महामहिम राष्ट्रपति ने छात्र छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित भी किया।

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