राष्ट्र जगत संवाददाता
बरेली । देश में हो रही मॉब लिंचिंग का विरोध करते हुए सियासी मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम मियां ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी कार्यालय में दिया।
वसीम मियां ने कहा की भारत में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कानून को प्रभावी और व्यापक बनाने का आग्रह किया। ये हिंसक घटनाएँ, जो प्रायः अफवाहों, सांप्रदायिक तनावों या स्वयंभू न्याय के कारण होती हैं. हाशिए पर रहने वाले समुदायों में भय का माहौल पैदा करती हैं और संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त जीवन के अधिकार का हनन करती हैं।
हाल के नए आपराधिक कानूनों में मॉब लिंचिंग को मॉबोक्रेसी का भयानक कृत्य करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार को इस मुद्दे पर कानून बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन प्रभावी रोकथाम, त्वरित न्याय और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक समर्पित कानूनी ढांचा आवश्यक है। सियासी मंच ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि संसद एक कठोर मॉब लिंचिंग विरोधी कानून को प्राथमिकता दे। जिसमें मॉब लिंचिंग और घृणा अपराधों की स्पष्ट परिभाषा और वर्गीकरण, अपराधियों के लिए कठोर दंड और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपाय, पीड़ितों के लिए मुआवजा और कमजोर समुदायों की सुरक्षा के प्रावधान , एनसीआरबी जैसे निकायों द्वारा समयबद्ध डेटा संग्रहण और रिपोर्टिंग ,सियासी मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम मियाँ ने कहा हम माननीय राष्ट्रपति से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेरित करने का अनुरोध करते हैं। ज्ञापन के दौरान मोईन खां, शाहिद, अतफ़ खान, जारिफ गद्दी फ़ाज़िल अंसारी, ज़हीर खान शारिक, सयद मो अकरम, परवेज़ आलम, शीराज़, कल्लू प्रधान, इरशाद रज़ा, ओवैस खान, परवेज़ कुरैशी मौजूद रहे।